Tuesday, October 1, 2019

Mahatma Gandhiji Jayanti 2019- महात्मा गांधी के 150 वीं जयंती पर

 Gandhi-Jayanti- गांधी-जयंती


   आज पूरा देश महात्मा गाँधी की १५०वी जयंती मन रहा है ! सोचकर बड़ा आश्चर्य  होता है, इतने सालो बाद भी हम गाँधीजी के चुंबकीय व्यक्तित्व के मुरीद कैसे  बने हुए है ? क्योकि उनके विचार आज के समय मै भी हमे आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करती  है  ! उन्हे राष्ट्रपिता व बापू भी कहा जाता था,हम सब जानते ही उन्होने हमारे देश को आजादी दिलाने मै कितनी बड़ी भुमिका निभाई थी ! गांधीजी ने हमेशा से ही अपने जीवन में अहिंसा और सत्याग्रह को विशेष महत्व दिया,इसिलिये गांधी जी का जन्मदिन 2 अक्टूबर "अंतरराष्ट्रीय अंहिसा दिवस" के रूप मे विश्वभर में मनाया जाता है।

चंपारण आंदोलन (१९१७-१९१८ )

गांधीजी के नेतृत्व में भारतभूमिपर बिहार के चंपारण जिलेमें किया गया यह पहला सत्याग्रह था ! अंग्रजो और  कुछ जमनीदार हजारो भूमिहीन मजदूरो और  किसानो से जबरन खाद्यान के बजाय नील एव अन्य नगदी फसलों के लिये मजबूर किया जाता था ! इसके विरोध मे गांधीजीने यह आंदोलन किया था !
 असहयोग आंदोलन (१ अगस्त १९२०)
इस आंदोलन के माध्यमसे गांधीजी ने लोगोसे आग्रह किया कि जो भारतीय उपनिवेशवाद को खत्म करना चाहते हे वह स्कूल,न्यायालय,महाविद्यालय न जाये औरनहि कर चुकाये ! तभी गांधीजीने  कहा था अगर असहयोगका ठीक ढंग से पालन करे  तो एक वर्ष के अंदरही  स्वराज को प्राप्त कर लिया जा सकता है ! इस आंदोलनने अंग्रेजी सम्राज को हिलाकर रख दिया था !
 दांडी मार्च (नमक सत्याग्रह) -१२ मार्च १९३०
इतिहास गवा हे की अंग्रजो ने हमसब पर बहोत जुलुम और अत्याचार किये है, सभी जीवनअवश्यक वस्तुवोंपर अंग्रजो ने एकाधिकार स्थापित किया हुआ था ! इसके विरोध मे गांधीजीने  साबरमती आश्रम से दांडी गावतक २४ दिनो का पैदल मार्च निकाला था ! इस सत्याग्रह का संदेश साफ था अगर सरकार आपके विरोधमे कार्य करे,आपको उसका विरोध अहिंसक मार्ग से जाताना चाहिये !
 दलितों को दिया हरिजन शब्द (८ मई १९३३)
गांधीजीने ८ मई १९३३ से छुआछुत के विरोध में आंदोलन शुरुवात की ! उनका ये आंदोलन समाजसे अस्पृश्यता हटाने के लिये था उन्होने हरिजन नामक साप्ताहिक पत्र का आयोजन भी किया ! हरिजन आंदोलन सफलता के लिये उन्होने  दिनों का उपवास भी किया ! हरिजनसे उनका तात्पर्य था ईश्वरका आदमी !
 अंग्रेज़ो भारत छोड़ो ( ८ ऑगस्ट १९४२)
यह आंदोलन शुरुवात द्वितीय विश्व युद्ध समय कर दी गयी थी ! अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सत्र मुंबई में "अंग्रेज़ो भारत छोड़ो" का नारा  दिया गया ! इसके बाद तुरंत गांधीजीको गिरफ्तार कर लिया गया,फिरभी देश के युवाओ ने इस आंदोलन को  जारी रखा ! पश्चिम में सतारा और पूर्व में मेदिनीपुरी जैसे कई जिल्हामे स्वतंत्र सरकारकी स्थापना कर दी गयी !
गांधीजीने इसप्रकार अनेक आंदोलन अपने जीवनकाल में किये है,जिसके फलस्वरूप आज हम स्वतंत्र भारतमें अपना जीवन व्यतीत कर रहे है ! आजकल देश में कुछ राज्यों में चुनाव का बिगुल बज चूका है तो गांधीजी का नाम जोरशोरो से लिया जा रहा है ! सब लोग अपने आप को गांधीजीसे जोड़ने का पुरजोर प्रयास कर रहे है ताकि उन्हे चुनावी फायदा मिल सके !     
निष्कर्ष - देश में जातिवाद,बेरोजगारी चरम पर है परिणामस्वरुप हिंसक प्रवृति के लोग इसका राजनैतिक फायदा लेने के फ़िराक में  है, इस समय हमे गाँधीवादी विचारो से सीख लेते हुए अहिंसा के मार्ग से आगे बढ़ना होगा !    



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